मिचमिची आँखें पिलपिले गाल ,
बेतरतीब टेढ़ी टागों की-उलटी सीधी चाल,,
इलाज हर मर्ज़ का है इनके पास ,
हो वो कितना भी कैड़ा ,
क्योंकि नाम है इनका …. छोड़ू सिंह छेड़ा |काम कुछ भी नहीं फिर कुम्भ करण की ,
व्यस्तता ने इनको है घेरा ,
मामला हो ‘ ओबामा ‘ की कुर्सी का ,
या सरहदों की सिक्यूरिटी का ,
हर किसी का सँभाला …. इन्होंने ही बेड़ा ,
इसीलिए तो नाम कुछ भी हो ,
लोग कहते हैं इनको…. छोड़ू सिंह छेड़ा |ख़बरे हो शेयर बाज़ार के गिरने उठने की ,
या ‘कल्लू के कुत्ते ‘ के मरने की ,,
मामला हो देश के दलाल का ,
या ‘ जुम्मन मिया ‘ की टाल का ,,
हर मामले का हल निकला ,
जब इन्होंने उठाया कांधे पे बेड़ा -
आखिर नाम है इनका …..छोड़ू सिंह छेड़ा | राजधानी , शताब्दी तो इनके चलने से चलती है जनाब ,
अब तो ‘ टाटा-बिरला ‘ भी मान गये इनका रुआब ,
कोई एक फ़ोन पर ‘ प्लेन ‘ भेजने को तैयार ,
कोई बिना ‘ हैलीपैड ‘ इनके बाग़ में ,
हैलीकॉप्टर उतारने को बेक़रार ,
अजी छोटी-छोटी ग़लतियों पर बड़ों -बड़ों को लथेड़ा ,
तभी तो लोग कहते हैं इनको … छोड़ू सिंह छेड़ा |
बेतरतीब टेढ़ी टागों की-उलटी सीधी चाल,,
इलाज हर मर्ज़ का है इनके पास ,
हो वो कितना भी कैड़ा ,
क्योंकि नाम है इनका …. छोड़ू सिंह छेड़ा |काम कुछ भी नहीं फिर कुम्भ करण की ,
व्यस्तता ने इनको है घेरा ,
मामला हो ‘ ओबामा ‘ की कुर्सी का ,
या सरहदों की सिक्यूरिटी का ,
हर किसी का सँभाला …. इन्होंने ही बेड़ा ,
इसीलिए तो नाम कुछ भी हो ,
लोग कहते हैं इनको…. छोड़ू सिंह छेड़ा |ख़बरे हो शेयर बाज़ार के गिरने उठने की ,
या ‘कल्लू के कुत्ते ‘ के मरने की ,,
मामला हो देश के दलाल का ,
या ‘ जुम्मन मिया ‘ की टाल का ,,
हर मामले का हल निकला ,
जब इन्होंने उठाया कांधे पे बेड़ा -
आखिर नाम है इनका …..छोड़ू सिंह छेड़ा | राजधानी , शताब्दी तो इनके चलने से चलती है जनाब ,
अब तो ‘ टाटा-बिरला ‘ भी मान गये इनका रुआब ,
कोई एक फ़ोन पर ‘ प्लेन ‘ भेजने को तैयार ,
कोई बिना ‘ हैलीपैड ‘ इनके बाग़ में ,
हैलीकॉप्टर उतारने को बेक़रार ,
अजी छोटी-छोटी ग़लतियों पर बड़ों -बड़ों को लथेड़ा ,
तभी तो लोग कहते हैं इनको … छोड़ू सिंह छेड़ा |
फाईनेंस पर फ़्लैट दिल्ली , नोएडा में हो या बुर्ज ख़लीफा में,
दुनियाभर के बैंको को है इनका इन्तेज़ार ,
क्योकि इनके नाम से होगा उनका ‘ प्रोफाइल ‘ तैयार ,
डॉक्टर भी आप , एन्जीनीअर भी आप , लेखक भी आप , शायर भी आप -
बड़े बड़े प्रोफेसर भी नही दे पते इनका जवाब ,
अच्छा —- डीएम , सीएम का नाम लिया – चलो अपने किसी रिश्तेदार को ही बना लिया ,
लगता है येड़ा बनाकर लोग खाते हैं इनका पेड़ा ,
तभी तो नाम पड़ा छोड़ू सिंह छेड़ा |
दुनियाभर के बैंको को है इनका इन्तेज़ार ,
क्योकि इनके नाम से होगा उनका ‘ प्रोफाइल ‘ तैयार ,
डॉक्टर भी आप , एन्जीनीअर भी आप , लेखक भी आप , शायर भी आप -
बड़े बड़े प्रोफेसर भी नही दे पते इनका जवाब ,
अच्छा —- डीएम , सीएम का नाम लिया – चलो अपने किसी रिश्तेदार को ही बना लिया ,
लगता है येड़ा बनाकर लोग खाते हैं इनका पेड़ा ,
तभी तो नाम पड़ा छोड़ू सिंह छेड़ा |
क्या हिंदी , क्या इंग्लिश , क्या हिस्टरी , क्या गणित ,
हर सब्जेक्ट पे इनका कमांड है ,
फिर भी ‘ कैलक्युलेशन ‘ का भारी गड़बड़जाल है ,
कहते हैं लोग – ‘ ख़ान ‘ की एक ज़बान है ,
अर्ध शतक मार गये – 25 की गुहार है ,
संभल कर मियां – ये विस्फोटक पदार्थ हैं …..
ब्लास्ट के इमकान हैं जो ठंडी भी छेड़ा !
मत भूलो …. यही हैं वो बम का ढेला …….
लोग कहते हैं जिसको छोड़ू सिंह छेड़ा |
हर सब्जेक्ट पे इनका कमांड है ,
फिर भी ‘ कैलक्युलेशन ‘ का भारी गड़बड़जाल है ,
कहते हैं लोग – ‘ ख़ान ‘ की एक ज़बान है ,
अर्ध शतक मार गये – 25 की गुहार है ,
संभल कर मियां – ये विस्फोटक पदार्थ हैं …..
ब्लास्ट के इमकान हैं जो ठंडी भी छेड़ा !
मत भूलो …. यही हैं वो बम का ढेला …….
लोग कहते हैं जिसको छोड़ू सिंह छेड़ा |