Rana Zaidi Ki Kalam
Tuesday, June 9, 2015
Sunday, March 8, 2015
Friday, September 5, 2014
Friday, March 7, 2014
Sunday, March 2, 2014
Friday, February 28, 2014
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Tuesday, February 4, 2014
राना ज़ैदी एक परिचय
राना ज़ैदी एक परिचय
प्रतिष्ठित समाचार पत्र व पत्रिका ‘ सीमापुरी टाइम्स ‘ के साथ ‘ टीम सदस्या ‘ के रूप में लेखन कार्य कर रही ‘ राना ज़ैदी ‘ने 8 अगस्त 1969 में इलाहाबाद में , वरिष्ट लेखक आबिद रिज़वी व श्रीमती गौहर जहाँ की सबसे बड़ी बेटी के रूप में जन्म लिया | नाना – नानी व मौसियों की अथाह वात्सल्य छाया वाले ननिहाल के पालन पोषण ने एक स्वछन्द व उन्मुक्त मानसिकता की रचना की | माता जी ‘ राजकीय दीक्षा विद्यालय मेरठ ‘ में प्राचार्या के पद पर कार्यरत थी , अतः उनके स्वाभिमान व आत्मविश्वास का गुण आना स्वाभाविक था | ‘ क्रास्थवेट गर्ल्स इंटर कॉलेज ‘ से साइंस विषयों के साथ इंटरमीडिएट करने के उपरान्त इविंग क्रिश्चन कॉलेज (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) में प्रवेश लिया | विज्ञान की छात्रा होने पर भी बचपन से ही मन साहित्यिक सम्मोहन में बँधता चला गया | साहित्यिक अभिव्यक्ति की तृष्णा ने ही विश्व के महान रचनाकार जैसे लीव टालस्टॉय , मुन्शी प्रेमचन्द्र , रविन्द्रनाथ टैगोर व छायावादी स्तंभों की रचनाओ को पढ़ने और तृप्त हो जाने की लालसा जगाई | इनके एक-एक शब्द ने इनके मन के तारों को स्पंदित कर दिया | आकाशवाणी – इलाहाबाद के यूववाणी प्रभाग में कार्यक्रम उद्घोषिका के रूप में वर्ष 1990 चयनित हुईं – फिर सुन्दर से सुन्दर लेखन व प्रस्तुतीकरण की चाह वर्ष 1995 में आकाशवाणी – दिल्ली तक खींच लाई | यहाँ विविधभारती, विदेश प्रसारण सेवा , नाट्य प्रभाग व एफ़-एम् पर पूर्ण दक्षता के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया | आधुनिक समाज की अव्यवस्थाओ व विषमताओं से प्रभावित होकर मन के भावों ने शब्दों का रूप लिया और कविताओं व कहानियों के माध्यम से सजीव अभिव्यक्ति करने को आतुर हो उठे |
इनकी बहुआयामी रचनाएँ – कविता लेख व लघु कथा के रूप मे देश के प्रतिष्ठित सामाचार पत्र-पत्रिका के माध्यम से पाठकों तक पहुंचकर उनमे एक नयी दिशा व जागरूकता का संचार कर रही हैं | जैसे – वर्तमान सह संपादिका ( सनसनी ऑफ़ इंडिया वीकली – दिल्ली ), नियमित लेखन कार्य (पंजाब केसरी – दिल्ली ) , संवाददाता (वाणी वातायन – मेरठ) , नियमित लेखिका (स्कूल टाइम्स – भोपाल) | अपनी महान रचनाओ के आधार पर समय समय पर राष्ट्रीय सम्मानों से प्रतिष्ठित होती आई हैं , जैसे ” ‘राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड 2012′ , ‘भारतीय नारी शक्ति अवार्ड 2014′ आदि |
इस यात्रा का वास्तविक श्रेय देतीं हैं अपने ‘ जीवन साथी ‘ को, जो जीवन के हर मोड़ पर इनका मनोबल बढ़ाते हुए सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा आज भी देते आ रहे हैं |
अपने दो बेटों व पति के साथ दिल्ली से सटे वैशाली निवास में आज पूरी तन्मयता व एकाग्रता से लेखन कार्य की ओर दिशोन्नमुख हैं |
इनकी रचनाएँ हैं : -
कविताएँ
बहुत याद आता है
लौह मानव
एक उम्र
ये सड़के
छोड़ू सिंह छेड़ा
एक पिता
जीवन मन्त्र
वर्तमान आदमी
कथाएँ
चकर-चूं का झूला
चीथड़े का भाग्य
गर्दभ राजा
मिट्टी के चाँद
रेत का सावन
टेढ़ी दुम
राना ज़ैदी की रचनाओं के सन्दर्भ में डा. प्रणय कृष्ण (इलाहाबाद विश्वविद्यालय – हिंदी विभाग) के बहुमूल्य विचार
RANA ZAIDI RECEIVE'S ' BHARTIYA NARI SHAKTI AWARD 2014 ' - FOR HINDI SAHITYA BY HONOURABLE CHIEF MINISTER OF UTTARAKHAND SHREE HARISH RAWAT– AT CONSTITUTION CLUB , SANSAD BHAWAN MARG , NEW DELHI
प्रतिष्ठित समाचार पत्र व पत्रिका ‘ सीमापुरी टाइम्स ‘ के साथ ‘ टीम सदस्या ‘ के रूप में लेखन कार्य कर रही ‘ राना ज़ैदी ‘ने 8 अगस्त 1969 में इलाहाबाद में , वरिष्ट लेखक आबिद रिज़वी व श्रीमती गौहर जहाँ की सबसे बड़ी बेटी के रूप में जन्म लिया | नाना – नानी व मौसियों की अथाह वात्सल्य छाया वाले ननिहाल के पालन पोषण ने एक स्वछन्द व उन्मुक्त मानसिकता की रचना की | माता जी ‘ राजकीय दीक्षा विद्यालय मेरठ ‘ में प्राचार्या के पद पर कार्यरत थी , अतः उनके स्वाभिमान व आत्मविश्वास का गुण आना स्वाभाविक था | ‘ क्रास्थवेट गर्ल्स इंटर कॉलेज ‘ से साइंस विषयों के साथ इंटरमीडिएट करने के उपरान्त इविंग क्रिश्चन कॉलेज (इलाहाबाद विश्वविद्यालय) में प्रवेश लिया | विज्ञान की छात्रा होने पर भी बचपन से ही मन साहित्यिक सम्मोहन में बँधता चला गया | साहित्यिक अभिव्यक्ति की तृष्णा ने ही विश्व के महान रचनाकार जैसे लीव टालस्टॉय , मुन्शी प्रेमचन्द्र , रविन्द्रनाथ टैगोर व छायावादी स्तंभों की रचनाओ को पढ़ने और तृप्त हो जाने की लालसा जगाई | इनके एक-एक शब्द ने इनके मन के तारों को स्पंदित कर दिया | आकाशवाणी – इलाहाबाद के यूववाणी प्रभाग में कार्यक्रम उद्घोषिका के रूप में वर्ष 1990 चयनित हुईं – फिर सुन्दर से सुन्दर लेखन व प्रस्तुतीकरण की चाह वर्ष 1995 में आकाशवाणी – दिल्ली तक खींच लाई | यहाँ विविधभारती, विदेश प्रसारण सेवा , नाट्य प्रभाग व एफ़-एम् पर पूर्ण दक्षता के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का संचालन किया | आधुनिक समाज की अव्यवस्थाओ व विषमताओं से प्रभावित होकर मन के भावों ने शब्दों का रूप लिया और कविताओं व कहानियों के माध्यम से सजीव अभिव्यक्ति करने को आतुर हो उठे |
इनकी बहुआयामी रचनाएँ – कविता लेख व लघु कथा के रूप मे देश के प्रतिष्ठित सामाचार पत्र-पत्रिका के माध्यम से पाठकों तक पहुंचकर उनमे एक नयी दिशा व जागरूकता का संचार कर रही हैं | जैसे – वर्तमान सह संपादिका ( सनसनी ऑफ़ इंडिया वीकली – दिल्ली ), नियमित लेखन कार्य (पंजाब केसरी – दिल्ली ) , संवाददाता (वाणी वातायन – मेरठ) , नियमित लेखिका (स्कूल टाइम्स – भोपाल) | अपनी महान रचनाओ के आधार पर समय समय पर राष्ट्रीय सम्मानों से प्रतिष्ठित होती आई हैं , जैसे ” ‘राजीव गाँधी एक्सीलेंस अवार्ड 2012′ , ‘भारतीय नारी शक्ति अवार्ड 2014′ आदि |
इस यात्रा का वास्तविक श्रेय देतीं हैं अपने ‘ जीवन साथी ‘ को, जो जीवन के हर मोड़ पर इनका मनोबल बढ़ाते हुए सदैव आगे बढ़ने की प्रेरणा आज भी देते आ रहे हैं |
अपने दो बेटों व पति के साथ दिल्ली से सटे वैशाली निवास में आज पूरी तन्मयता व एकाग्रता से लेखन कार्य की ओर दिशोन्नमुख हैं |
इनकी रचनाएँ हैं : -
कविताएँ
बहुत याद आता है
लौह मानव
एक उम्र
ये सड़के
छोड़ू सिंह छेड़ा
एक पिता
जीवन मन्त्र
वर्तमान आदमी
कथाएँ
चकर-चूं का झूला
चीथड़े का भाग्य
गर्दभ राजा
मिट्टी के चाँद
रेत का सावन
टेढ़ी दुम
राना ज़ैदी की रचनाओं के सन्दर्भ में डा. प्रणय कृष्ण (इलाहाबाद विश्वविद्यालय – हिंदी विभाग) के बहुमूल्य विचार
RANA ZAIDI RECEIVE'S ' BHARTIYA NARI SHAKTI AWARD 2014 ' - FOR HINDI SAHITYA BY HONOURABLE CHIEF MINISTER OF UTTARAKHAND SHREE HARISH RAWAT– AT CONSTITUTION CLUB , SANSAD BHAWAN MARG , NEW DELHI
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